असली मोतियों के लिए के. आसिफ ने रुकवा दी थी मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग, जाने पूरा किस्सा - BackToBollywood

Blog Archive

Search This Blog

Total Pageviews

असली मोतियों के लिए के. आसिफ ने रुकवा दी थी मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग, जाने पूरा किस्सा

असली मोतियों के लिए के. आसिफ ने रुकवा दी थी मुग़ल-ए-आज़म की शूटिंग, जाने पूरा किस्सा

<-- ADVERTISEMENT -->



फिल्म मुग़ल-ए-आज़म को बनाने में निर्देशक के. आसिफ ने बहुत मेहनत की. इस फिल्म ने उस दौर में जो कुछ हासिल किया, वह बहुत ही असाधारण था. के. आसिफ मुंबई में दर्जी बनने आए थे. लेकिन वह अब्बल दर्जे के निर्देशक बन गए. के. आसिफ नजीर हुसैन के भतीजे थे. जब वह मुंबई आए तो नजीर ने उन्हें फिल्मों में जोड़ने की कोशिश की. लेकिन आसिफ का वहां दिल ना लगा. फिर उनके लिए एक दुकान खुलवाई जो कुछ दिन बाद बंद हो गई.

untold-story-of-mughal-e-azam-director-k-asif

के. आसिफ ने दो फिल्मों फूल और मुग़ल-ए-आज़म का ही निर्देशन किया. मुग़ल-ए-आज़म को बनाने में 14 साल लगे. इस फिल्म के गाने पर पानी की तरह पैसे बहाए गए. ऐसा बताया जाता है कि शीश महल का सेट बनने में पूरे 2 साल लग गए थे. फिल्म समीक्षक इकबाल रिजवी ने एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि फिल्म में एक सीन था जिसमें सलीम को मोतियों पर चलकर महल में दाखिल होना था. इस सीन की शूटिंग के लिए नकली मोती मंगवाए गए .लेकिन के. आसिफ कुछ और ही चाहते थे.

untold-story-of-mughal-e-azam-director-k-asif

उन्होंने फिल्म के फाइनेंसर से एक लाख रुपए मांगे. जब उनसे पूछा गया कि पैसे क्यों चाहिए तो के. आसिफ ने बताया कि मैं सीन के लिए असली मोती मंगवाना चाहता हूं. यह बात सुनकर फाइनेंसर शाहपुरजी मिस्त्री बोले- तुम पागल हो गए हो क्या. तुम नकली मोतियों का भी इस्तेमाल कर सकते हो. उससे क्या फर्क पड़ेगा. लेकिन के. आसिफ ने तब कहा कि जब कोई सच्चे मोतियों पर चलेगा तो उसके चेहरे के भाव नकली नहीं लगेंगे. अगर मैं नकली मोतियों का इस्तेमाल करूंगा तो वह नहीं दिखा पाऊंगा, जो दिखाना चाहता हूं.

untold-story-of-mughal-e-azam-director-k-asif

लगभग 20 दिन तक इस वजह से फिल्म की शूटिंग रुकी रही. आखिरकार के आसिफ की जिद के सामने शाहपुर जी मिस्त्री को झुकना पड़ा और उन्होंने उन्हें एक लख रुपए दे दिए. पूरी फिल्म की शूटिंग के दौरान के आसिफ और शाहपुर जी मिस्त्री के बीच काफी विवाद हुआ. लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो लोगों ने उसे बहुत पसंद किया. इस फिल्म का नाम हमेशा के लिए सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है. के. आसिफ का 9 मार्च 1971 को दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया.


<-- ADVERTISEMENT -->

Birthday Special

Dilip Kumar

Entertainment

Post A Comment:

0 comments: