फिल्म इंडस्ट्री में अक्सर अभिनेत्रियों के रंग-रूप को लेकर होने वाले भेदभाव पर चर्चा होती रहती है. कई अभिनेत्रियों ने तो यहां तक भी कहा है कि फिल्मों की कास्टिंग में उनके सांवले रंग की वजह से उनके साथ भेदभाव किया जाता है. यह भेदभाव हमेशा से ही होता रहा है. बहुत कम ऐसी ही अभिनेत्रियां हैं जो सांवला होने के बावजूद फिल्मों में नाम कमाने में कामयाब हुई.
आए दिन फिल्म इंडस्ट्री में न जाने कितनी सांवली लड़कियां ऑडिशन देने आती है. लेकिन सांवले रंग की वजह से उनको सफलता नहीं मिल पाती. अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी का कहना है कि वैसे सब इंडस्ट्री वाले डार्क स्किन टोन को आजकल सेलिब्रेट कर रहे हैं. लेकिन जब पुरानी बातें और ट्रेंड बदल रहा है तो लोगों ने काफी कोशिश की है.
अगली जनरेशन भी इसमें बदलाव लाएगी. मुझे जो चीज नहीं मिली है. लेकिन मैं चाहती हूं कि हमारी अगली जनरेशन के साथ ऐसा ना हो. उनके रंग या कास्ट को लेकर उनके टैलेंट की तुलना ना की जाए. इसके विरुद्ध आवाज उठाना बहुत जरूरी है.
तनिष्ठा ने कहा कि बड़े फिल्म निर्माता अपनी फिल्मों के लिए अमीर घराने की गोरी चिट्टी हीरोइनों को कास्ट करते हैं. उनकी फिल्मों की कहानी ऐसी होती है, जिसमें नौकरानी भी बेहद अमीर नजर आती है. लेकिन अब बदलाव का दौर है तो डार्क स्किन टोन वाली हीरोइनों को भी लीड रोल में कास्ट करना चाहिए, तभी सही बदलाव आएगा. ज्यादातर डार्क स्किन टोन वाली अभिनेत्रियां साइड रोल में नजर आती हैं और टैलेंटेड होने के बावजूद वह छिपकर रह जाती हैं.
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