कॉमेडी क्वीन भारती सिंह ने अमर उजाला से खास बातचीत के दौरान अपनी जिंदगी से जुड़े कई इसे शेयर किए. भारती सिंह को अपनी जिंदगी में काफी संघर्ष करना पड़ा. उनकी मां ने भी बहुत संघर्ष किया. भारती सिंह ने अपने बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा- मैं गरीबी की भट्टी में बहुत पकी हूं. मैंने बहुत काम किया है और उससे भी ज्यादा मेरी मां ने किया है.
मुझे आज भी याद है जब मेरी मां दूसरों के घर खाना बनाने जाती थी और कभी-कभी मैं भी उनके साथ जाती थी. मैं वहां जाकर लोगों का घर में किचन और फ्रिज देखती थी और सोचती थी कि क्या हमारे पास भी कभी ऐसा घर हो पाएगा.
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भारती ने आगे कहा- भगवान की दुआ से आज मेरे पास उससे भी अच्छा घर है. मेरी मां ने मुझसे हमेशा एक चीज कही कि कभी मेहनत करना मत छोड़ो. जब आप मेहनत करते हो तो बहुत मुश्किलें आती हैं. जब मैं 2 साल की थी तभी मेरे पिता गुजर गए. उसके बाद मेरी मां ने ही हम तीनो भाई बहनों को पढ़ाया लिखाया.
मैं जब भी अपनी बचपन की यादों को ताजा करती हूं तो परेशान हो जाती हूं. भारती ने इस दौरान यह भी बताया कि उन्हें कैसे पहली बार बतौर कॉमेडियन मौका मिला. भारती ने बताया कि मैं अपने कॉलेज के दिनों में गार्डन में 1 दिन मस्ती कर रही थी, उसी दौरान सुदेश लहरी जी मेरे पास से गुजरे. उन्होंने फिर मेरी टीचर से कहा कि गार्डन में एक लड़की है जो बहुत मस्ती कर रही है आप उसे बुलाइए.
टीचर ने मुझसे कहा कि यह सुदेश लहरी जी हैं आपको अपने कॉमेडी ड्रामा में लेना चाहते हैं. इसके बाद सुदेश लहरी जी के कॉमेडी ड्रामा से जुड़ी कुछ लाइनें टीचर ने मुझे पढ़ने के लिए दी जो मैंने पढ़ी और सुदेश लहरी जी को पसंद आ गई. उन्होंने कहा कि मुझे यह लड़की हर हाल में चाहिए.
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