बॉलीवुड के जाने-माने एक्टर सनी देओल ने लोकसभा चुनाव होने से कुछ महीने पहले भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। उनको भारतीय जनता पार्टी ने गुरदासपुर लोकसभा सीट से टिकट दी थी और उन्होंने अपने विरोधी को लाखों वोट से हरा दिया। सनी देओल गुरदासपुर के सांसद हैं। गुरदासपुर का सांसद बनने के बाद सनी देओल से जुड़ी हुई बुरी खबर सामने आई है। यह खबर हर किसी को निराश कर सकती है।
लोकसभा अटेंडेंस रिकॉर्ड के अनुसार सनी देओल मॉनसून सेशन बढ़ाए जाने के बाद सदन में सिर्फ 5 दिन ही मौजूद रहे। जबकि वह पूरे हफ्ते सदन में मौजूद नहीं थे। यानी सनी देओल 37 दिनों में से सिर्फ 7 दिन ही सदन में मौजूद रहे। कुछ समय पहले कैंप ऑफिस जनपथ से एक पत्र जारी किया गया था, जिस वजह से सनी देओल विवादों में घिर गए। उस पत्र में लिखा गया था कि गुरप्रीत सिंह हलके के महत्वपूर्ण मुद्दों और मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए ऑफिशियल तौर पर सनी देओल के प्रतिनिधि होंगे।
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इसके बाद उनको ट्रॉल किया। एक यूजर ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि यह तो भारतीय जनता पार्टी की संगत है। सांसद चुनते है मिलता प्रतिनिधि, प्रधानमंत्री चुनते है मिलता चौकीदार, प्रधान सेवक, फकीर, प्रचारमंत्री। पर जनता को यह सब मंजूर है। सनी देओल आप अपने पिता की तरह बतौर एमपी काम करना।
एक अन्य यूजर ने लिखा कि लोकप्रियता के आधार पर तो चुनते हैं। हालांकि यह अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझते। इससे भारत का विकास नहीं होगा। सनी देओल ने अपने विरोधी सुनील जाखड़ को हराया था। सनी देओल अपने बेटे की डेब्यू फिल्म पल पल दिल के पास को डायरेक्ट कर रहे हैं।
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