16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में पैरामेडिकल की 21 वर्षीय छात्रा का छह दरिंदों ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया और उसके बाद उसके साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी. आखिरकार 20 मार्च को निर्भया के दोषियों को फांसी हो गई.
हालांकि इस केस के मुख्य दोषी राम सिंह ने अदालत के फैसले से पहले ही फांसी लगा ली थी. कौन है राम सिंह जिसने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. रामसिंह पेशे से बस ड्राइवर था और वारदात की रात उस बस को रामसिंह ही चला रहा था जिसमें निर्भया का दुष्कर्म हुआ था.
बस ड्राइवर राम सिंह का घर दक्षिण दिल्ली के रविदास कैंप में था. राम सिंह के पड़ोसियों ने बताया कि वह हमेशा शराब पीकर झगड़ा करता था. उसका परिवार 20 साल पहले राजस्थान से दिल्ली आया था. सबसे पहले राम सिंह को ही गिरफ्तार किया गया था. राम सिंह ने अपने किए दुष्कर्म के बाद एक साक्षात्कार में डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली महिला से कहा था कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. उसने उस घटना के लिए निर्भया को ही दोषी ठहराया था. राम सिंह ने 2013 में तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली. हालांकि उनके परिवार वालों ने यह कहा था कि रामसिंह ने आत्महत्या नहीं की है.
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