बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता संजय दत्त के ऊपर फिल्म संजू बनी जो बहुत ज्यादा पसंद की गई थी. संजय दत्त आतंकी थे या नहीं, फिल्म में इस सवाल का जवाब नहीं मिला. बता दें कि एक सीनियर जनरलिस्ट राजदीप सरदेसाई ने 9 जुलाई को एक ब्लॉग लिखा था जिसमें उन्होंने मुंबई में हुई उस घटना का जिक्र किया, जब मुंबई में दंगे हुए और फिर ब्लास्ट हुआ. उस समय राजदीप मुंबई में द टाइम्स ऑफ इंडिया के सिटी एडिटर थे.
राजदीप ने बताया कि मार्च 1993 की एक शाम उनके एक रिपोर्टर के पास किसी का फोन आया जिसमें यह बताया गया कि मुंबई ब्लास्ट केस में बॉलीवुड का कोई बड़ा नाम फंस सकता है. उसने अगले दिन और जानकारी देने का वादा किया. हालांकि अगले दिन यह खबर डेली मेल में छप चुकी थी.
राजदीप इस खबर को फॉलो करने के लिए तैयार थे. अगले दिन सुनील दत्त का उनके दफ्तर में फोन आया. उन्होंने कहा- मैं उम्मीद करता हूं कि आप लोग संजय दत्त के साथ गलत नहीं करेंगे. वह बुरा इंसान नहीं हैं. राजदीप ने बताया कि जैसे ही संजय के ak-56 रखने की बात सामने आई तो यह खबर और बड़ी हो गई.
जब संजय दत्त को अरेस्ट किया गया था तब दत्त साहब का फिर फोन आया और उन्होंने कहा- मुझे आपसे मिलना है. दत्त साहब ने राजदीप को अपने बेटे की पूरी कहानी बताई. बता दें कि जब राजदीप की 21 साल की बेटी जो 1993 में पैदा भी नहीं हुई थी, उसने पूछा कि क्या संजय दत्त वाकई में आतंकी थे या नहीं, तो राजदीप ने कहा- हां और नहीं.
यह आर्टिकल वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के ब्लॉग THE MUMBAI STORY THAT MUST BE TOLD के आधार पर लिखा गया है, जिसके मूल अंग्रेज़ी वर्जन को आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
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