
ये फिल्म लेखक निर्देशक राहुल कुमार शुक्ल दूसरी फिल्म है और इस फिल्म में उनका निर्देशन काफी निखर कर सामने आया है हालाँकि फिल्म में कई जगह कोविड महामारी के दौरान किये गए कोम्प्रोमाईज़ दिखाई दे जाते हैं फिर भी उनका निर्देशन कबीले तारीफ़ दिखाई देता है जो दर्शको को अंत तक फिल्म में बांधे रखता है. निर्देशक ने फिल्म में कई रोमांचित कर देने वाले सबटेक्सट रखे हैं जो फिल्म को दोबारा देखने पर मजबूर करते हैं. कुछ जगहों पर सिनेमाटोग्राफी कमजोर दिखाई देती है ऐसा लगता है महामारी में कोम्प्रोमाईज़ का सबसे ज्यादा असर सिनेमाटोग्राफी पर पड़ा है फिर भी फिल्म की कहानी की कसावट उसपर नज़र नहीं पड़ने देता वही फिल्म के ज्यादातर हिस्से में बेहतरीन सिनेमेटोग्राफी भी देखने को मिलती है.
फिल्म वध में दिखाई दिए नदीम खान जो फिल्म का मुख्य किरदार निभा रहे हैं उन्होंने ठीक ठाक अभिनय किया है कुछ जगहों पर उनके अभिनय में सहजता नहीं दिखाई देती फिर भी वो किरदार को जस्टिफाई करते हैं वहीँ आदित्य लाखिया अपने अभिनय से कम स्क्रीनस्पेस होने के बावजूद बहुत सहज और इम्पैक्टफुल छाप छोड़ते हैं. प्रकाशक की भूमिका में सैकत चटर्जी निर्देशक की बेहतरीन खोज हैं। सैकत चटर्जी ने अपने किरदार मुखर्जी को स्क्रीन पर बहुत ऑथेंसिटी से उतारा है उनका अभिनय दर्शको के चेहरे पर मुस्कान ले आता है. अनुरेखा भगत, नंदलाल सिंह जब भी स्क्रीन पर आते हैं बहुत सहजता से अपने किरदारों में जान भर देते हैं.
अगर कुछ एक सीन्स को छोड़ दिया जाए तो सभी अभिनेताओं ने अच्छा काम किया है. फिल्म का म्यूजिक कमाल का है और ख़ास कर बैक ग्राउंड म्यूजिक दर्शको को फिल्म के साथ बांधे रखता है। यह फिल्म आपके लिए एक बेहतरीन वीकेंड वाच हो सकती है. बेहतरीन निर्देशन ,अच्छा अभिनय और अंत तक रोमांच में बांध कर रखने वाली कहानी “उपन्यास” जरूर देखे एम एक्स प्लेयर पर.
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