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27 जुलाई 1992 को अमजद खान का निधन हो गया था। उन्हें गुजरे 29 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी हमे उनकी कमी बॉलीवुड में महसूस होती है। अमिताभ बच्चन का अमजद खान से कुछ खास लगाव था। इसकी वजह ये थी कि एक बार अमजद खान कोमा में चले गए थे, फिर अमिताभ ने ही उन्हें मौत के मुंह से बाहर निकाला था।
अमिताभ बच्चन और अमजद खान एक साथ दो दर्जन से अधिक फिल्में में काम कर चुके हैं। इसमें ‘शोले’ के अलावा ‘गंगा की सौगंध’, ‘कालिया’, ‘सत्ते पे सत्ता’, ‘लावारिश’, ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘याराना’, ‘नसीब’ और मिस्टर नटवरलाल जैसी फिल्में भी शामिल हैं। साल 2016 में अमिताभ ने फिल्मफेयर को एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने अमजद खान से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया था।
अमिताभ ने बताया कि एक बार अमजद खान ‘द ग्रेट गैम्बलर’ फिल्म की शूट के लिए अपने परिवार के साथ मुंबई से गोवा जा रहे थे, लेकिन रास्ते में उनकी कार का एक खतरनाक एक्सीडेंट हो गया था। तब उनकी मदद को कोई नहीं आया था, ऐसे में एक्टर ने खुद अपने परिवार के सदस्यों को पंजिम के एक अस्पताल में भर्ती करवाया था। इस हादसे के बाद वह कोमा में चले गए थे। उनके फेफड़े और रिब्स बुरी तरह से चोटिल हो गए थे।
अमिताभ बताते हैं कि मैं तब पहले ही गोवा पहुंच गया था, लेकिन जब अमजद के हादसे की खबर मिली तो उनसे मिलने हॉस्पिटल जा पहुंचा। उनकी हालत बहुत गंभीर थी। वे बेहोश थे और उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी। उनकी जल्द से जल्द सर्जरी कराने की जरूरत थी। तब डॉक्टर्स ने उन्हें मुंबई ले जाने की सलाह नहीं दी थी। हालांकि उनके परिवार को तब तक मुंबई भेज दिया गया था।
अमजद खान के ऑपरेशन के लिए एक मेडिकल पेपर्स पर साइन करना था। इन पेपर्स में कहा गया था कि ऑपरेशन के दौरान यदि कोई अप्रिय घटना होती है तो डॉक्टर्स इसके जिम्मेदार नहीं होंगे। तब ऑपरेशन के लिए मेडिकल पेपर्स पर साइन करने को कोई भी रेडी नहीं था।
जब प्रोडक्शन में से कोई भी आगे नहीं आया तो अमिताभ ने दोस्ती का फर्ज निभाते हुए इन पेपर्स पर साइन कर दिए। हालांकि इसके पहले मैंने उनके परिवार की सहमति ले ली थी। फिर उनका ऑपरेशन हुआ और उन्हें मुंबई भेजने के लिए चार्टर प्लेन की व्यवस्था कराई गई।
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