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सजा-ए-मौत: आखिर फांसी की सजा देने के बाद जज क्यों तोड़ देते हैं पेन की निब??


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हर काम को करने के अपने नियम और कानून कायदे बनाये गए है। जिनका पालन हर कोई करता है। अक्सर आपने फ‍िल्‍मों में देखा होगा कि मौत की सजा सुनाने के बाद न्‍यायाधीशों को पेन की निब को दबाकर तोड़ते हुए दिखाया जाता है। यह इसलिए कि भावना और प्रतिकात्‍मक रूप से ऐसी कलम जिसने किसी की मौत लिखी हो उससे वापस उपयोग नहीं करने के लिए निब को तोड़ा जाता है।

क्यों तोड़ देते हैं पेन

भारतीय दंड संहिता की धारा 302 में मौत की सजा का प्रावधान है लेकिन जब जज किसी के जीवन के फैसले पर हस्‍ताक्षर करना होता है तो उस कलम या पैन का दुबारा उपयोग नहीं करे इसी मकसद से निब कोतोड़ा दिया जाता है।

पहले स्‍यायी वाले निब के पैन उपयोग किए जाते थे इनके निब तोड़ने के बाद नए निब लगाकर उपयोग किए जा सकते थे लेकिन अब जैल या दूसरे पैन उपयोग में आने लगे हैं जिसकी वजह से पैन निब को तोड़ने की जगह नए पैन का उपयोग किया जाने लगा है।



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AutoDesk

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