इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में शानदार शतकीय पारी खेलने वाले टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने अपनी पारी के बाद बड़ा बयान दिया है। रोहित ने कहा है कि साल 2019 में जब उन्हें टीम मैनेजमेंट ने पहली बार टेस्ट मैच में पारी का आगाज करने के लिए कहा था, तब उन्हें लगा था कि ये उनका आखिरी मौका है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस से पहले तक वो मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी कर रहे थे। जहां उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। इसलिए उस समय सलामी बल्लेबाज के तौर पर अच्छा प्रदर्शन कर खुद को साबित करने का वो उनका आखिरी मौका था।
रोहित ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद बताया, "जब 2019 में मुझे सलामी बल्लेबाज के तौर पर खेलने को कहा गया था तब मेरे दिमाग में कही ना कहीं यही चल रहा था कि ये मेरा आखिरी मौका है। मुझसे टेस्ट में ओपन कराने को लेकर काफी समय से बातें हो रही थीं। यहीं वजह थी कि मैं इस चुनौती के लिए मानसिक तौर पर पूरी तरह तैयार था।। इस से पहले मैंने टेस्ट मैचों में मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी की थी। जहां मैं कुछ खास अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया था। आप जब भी कोई भी खेल खेलते हैं तो उसमें सफल होने के लिए आपको लगातार चांस लेना होता है। अगर मैं सलामी बल्लेबाज के तौर पर शुरुआत में सफल नहीं होता तो टेस्ट में वो मेरा आखिरी मौका होता।"
साथ ही रोहित ने बताया कि, "टेस्ट मैच में बतौर ओपनर खेलने की बात को स्वीकार करना उनके टेस्ट करियर का सबसे बड़ा फैसला साबित हुआ। मैं जानता था कि टीम के बल्लेबाजी क्रम में अपनी जगह पक्की करने का ये मेरा आखिरी मौका है।" बता दें कि रोहित टेस्ट मैच में बतौर ओपनर अब तक पांच शतक लगा चुके हैं।
रोहित ने कल अपनी इस पारी में 256 गेंदो में एक छक्के और 14 चौके की बदौलत 127 रन बनाए। रोहित की इस पारी की बदौलत टीम इंडिया ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक तीन विकेट के नुकसान पर 270 रन बना लिए हैं और उसकी कुल बढ़त 171 रनों की हो गई है।
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