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जावेद अख्तर ने तालिबान और RSS को बताया एक समान, कहा- दोनों का हैं एक ही मकसद


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बॉलीवुड के मशहूर शायर, गीतकार और फिल्म स्टोरी लेखक जावेद अख्तर अपने बेबाक बयानों को लेकर अक्सर चर्चाएं बटोरते है। जावेद अख्तर कई बार अपने द्वारा दिए गए बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं। वहीं एक बार फिर जावेद अख्तर ने एक बयान दिया है जिसके बाद से उनकी काफी चर्चा हो रही है। दरअसल जावेद अख्तर ने तालिबान की तुलना आरएसएस से की है। जावेद अख्तर ने इन विचारधारा का समर्थन करने वाले लोगों को आत्मचिंतन करने का आग्रह किया है। देश के न्यूज चैनल NDTV को इंटरव्यू देते हुए बिना किसी की परवाह किए जावेद अख्तर ने सीधे कहा कि तालिबान और आरएसएस, बजरंग दल, वीएचपी जैसे संगठनों के लक्ष्य में कोई अंतर नहीं है। देश का संविधान इन संगठनों के लक्ष्य में बाधा बनने का काम कर रहा है, इन्हें अगर मौका मिला तो यह संवैधानिक बाउंड्री को भी उलांघ जाएंगे।

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जावेद अख्तर ने अपने इंटरव्यू के दौरान कहां कि दुनिया भर में एक राइट विंग है। वही देश में अल्पसंख्यकों के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि यह तालिबान बनने का पूरा रिहर्सल चल रहा है। यह लोग वैसे ही लोग हैं जैसे कि तालिबान। ये एक ही लोग है, बस नाम अलग-अलग है। वहीं भारतीय संविधान इनके रास्ते का कांटा है, लेकिन अगर इन्हें मौका मिला तो वह इसकी बाउंड्री भी पार कर जाएंगे। गौरतलब है कि जावेद अख्तर मुस्लिम के उस तबके की आलोचना कर चुके हैं जो तालिबान की सत्ता पर काबिज होने से खुश है। वही जावेद अख्तर ने कहा कि मुझे लगता है कि उन लोगों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है जो लोग वीएचपी, बजरंग दल, आरएसएस जैसे संगठनों का समर्थन करते हैं। मैं पूरी तरह से इस बात को स्वीकार करता हूं कि तालिबान बर्बर है, मध्ययुगीन मानसिकता वाला है, लेकिन यह संगठन भी कौन सा इनसे अलग है। इनकी जमीन मजबूत हो रही है और वह अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ रहे हैं, दोनों की मेंटालिटी एक ही है।

वहीं अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को लेकर देश का एक मुसलमान तबका इसको लेकर खुश है, जिसकी आलोचना करते हुए जवेद अख्तर कहते हैं कि ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है। ज्यादातर भारतीय मुस्लिम इन बयानों से हैरान है। जावेद अख्तर आगे कहते हैं कि देश में ऐसे लोग भी हैं जो तालिबान की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, इनका मक्सद वही है कि महिलाएं मोबाइल यूज ना करें। वही एंटी रोमियो ब्रिगेड उसी दिशा में बढ़ रहा है। तालिबान और तालिबान जैसा बनने की कोशिश करने वालों में मुझे काफी समानता नजर आ रही है।

अपने इंटरव्यू में आगे गीतकार कहते हैं कि दुनिया के सभी राइट विंग एक जैसे हैं। वह कहते हैं कि दुनिया का सभी राइट विंग चाहे वह मुस्लिम हो, हिंदू राइट विंग हो या क्रिश्चिन राइट विंग हो। जहां तालिबान इस्लामिक देश बनाना चाहता है, वही ये संगठन हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। जिनकी परंपराएं अलग है उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। इन लोगों का मानना है कि लड़का और लड़की एक साथ पार्क में ना जाए। तालिबान और आरएसएस में बस इतना ही फर्क है कि यह अभी तालिबान जैसे ताकतवर नहीं है पर मकसद इनका बिल्कुल वैसा ही है।



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