जन्माष्टमी यानी भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, गोकुल-मथुरा समेत देशभर में ये त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भजन, जागरण और मंदिरों में जगराता होता है। फिर रात 12 बजे भक्त भगवान की आराधना के बाद व्रत खोलते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार मथुरा में भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आधी रात में कृष्ण कन्हैया का जन्म हुआ था। शास्त्रों में जन्माष्टमी के दिन को बहुत पावन बताया गया है। यदि आपके जीवन में कुछ समस्याएं चल रही हैं, तो जन्माष्टमी के दिन आप मोर पंख के कुछ उपाय कर सकते हैं। मोर पंख भगवान श्रीकृष्ण को अति प्रिय है। वे इसे अपने सिर पर धारण करते हैं। इस दिन इन उपायों को करने से आपके तमाम बिगड़े काम बन सकते हैं।
- यदि आपको काफी मेहनत के बाद भी वो फल नहीं मिल पाता जिसके आप हकदार हैं, घर में आर्थिक संकट हर दिन गहराता जा रहा है तो जन्माष्टमी के दिन पूजा के समय 5 मोर पंख श्रीकृष्ण की प्रतिमा के पास रखें और कान्हा के साथ इनका भी पूजन करें। इसके बाद 21 दिनों तक इन्हें पूजा के स्थान पर ही रखा रहने दें और पूजा करते रहें। 21वें दिन पूजा के बाद इन्हें घर के उस स्थान पर रख दें, जहां धन रखा जाता है। बरकत होने लगेगी और ऐसे नए अवसर मिलेंगे जो धन संकट को दूर करेंगे।
- माना जाता है कि मोर पंख में सभी देवी और देवताओं का वास होता है। इसलिए अगर आपके घर में वास्तु से जुड़ा कोई संकट है तो जमाष्टमी के दिन मोर पंख घर लेकर आएं। पूजा के बाद इसे पूर्व दिशा में लगा दें। इसे घर में रखने मात्र से वास्तुदोष दूर हो जाते हैं।
- यदि आप राहु-केतु के बुरे प्रभाव से गुजर रहे हैं तो जन्माष्टमी के दिन मोरपंख को शयनकक्ष की पश्चिम दिशा की दीवार पर लगाएं। इससे काफी लाभ मिलेगा। इसके अलावा घर की नकारात्मकता दूर करने के लिए घर के प्रवेश द्वार की चौखट के ऊपर बैठी हुई मुद्रा में गणेश जी स्थापित करें। उनके ऊपर तीन मोरपंख लगाएं। इससे घर में नकारात्मकता दूर होगी और शुभ फल मिलने शुरू हो जाएंगे।
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