Mgid

Blog Archive

Search This Blog

Total Pageviews

भूल से भी रात 12 बजे न मनाएं जन्मदिन, नहीं तो भुगतना पड़ सकता हैं ये अंजाम


<-- ADVERTISEMENT -->





आज कल सभी लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं रात के 12 बजे ही दे देते हैं। केवल शुभकामनाएं ही नहीं बल्कि आजकल तो जन्मदिन रात के 12 बजे ही मना लिया जाता है।

इसमें केक काटने से लेकर नाचने-गाने तक सभी तरह की पार्टी कर ली जाती है। लेकिन हिंदू शास्त्र में रात के 12 बजे जन्मदिन मनाना गलत माना गया है। कहा गया है कि ऐसा करने से बहुत बड़ा अनिष्ट हो सकता है।

अक्सर हम लोग अपना, दोस्तों का और रिश्तेदारों का जन्मदिन और शादी की सालगिरह या इस तरह का कोई भी सालाना खुशी का मौका रात को 12 बजे ही मना लेते हैं। रात के 12 बजे इन अवसरों पर केक काटना भी एक फैशन सा बन गया है। सभी लोग रात को 12 बजे सेलिब्रेशन करने के लिए उत्साहित रहते हैं। लेकिन अंग्रेजी तिथि के अनुसार बर्थडे या एनिवर्सरी मनाना शुभ नहीं माना जाता। ऐसा मानने के पीछे कारण है हमारे शास्त्रों से संबंध।


अंग्रेजी तिथि के मुताबिक रात को 12 बजे कोई भी अवसर मनाना गलत है क्योंकि उस समय प्रेत काल शुरू हो जाता है। प्रेत काल रात्रि का वो समय है जो रात 12 बजे से रात 3 बजे की बीच होता है। इसे मध्यरात्रि या अर्ध रात्रि काल कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह समय अदृश्य शक्तियों, भूत व पिशाच का काल होता है। इस समय में ये शक्तियां अत्यधिक रूप से प्रबल हो जाती है।

कहा जाता है कि इस संसार में ऐसी कई शक्तियां होती हैं जो हमें दिखाई नहीं देतीं लेकिन हम पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं जिससे हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो उठता है और हम दिशाहीन हो जाते हैं। जन्मदिन की पार्टी में अक्सर शराब व मांस का सेवन किया जाता है। प्रेतकाल में केक काटकर शराब व मांस का सेवन करने से अदृश्य शक्तियां व्यक्ति की आयु व भाग्य में कमी करती हैं और दुर्भाग्य उसके द्वार पर दस्तक देता है। साल के कुछ दिनों को छोड़कर जैसे दीपावली, 4 नवरात्रि, जन्माष्टमी व शिवरात्रि पर निशीथ काल महानिशीथ काल बन कर शुभ प्रभाव देता है जबकि अन्य समय में दूषित प्रभाव देता है।


हिंदू शास्त्रों के अनुसार दिन की शुरुआत सूर्योदय के साथ ही होती है और यही समय ऋषि-मुनियों के तप का भी होता है। इसलिए इस कला में वातावरण शुद्ध और नकारात्मकता विहीन होता है। ऐसे में शास्त्रों के अनुसार सूर्योदय होने के बाद ही व्यक्ति को बर्थडे विश करना चाहिए क्योंकि रात के समय वातावरण में रज और तम  कणों की मात्रा अत्याधिक होती है और उस समय दी गई बधाई या शुभकामनाएं फलदायी ना होकर प्रतिकूल बन जाती हैं।


🔽 CLICK HERE TO DOWNLOAD 👇 🔽

Download Movie





<-- ADVERTISEMENT -->

AutoDesk

FirPost

Offbeat

Post A Comment:

0 comments: