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Anupama 20th August written: देशभक्ति के रंगों में डूबा अनुपमा का पूरा परिवार, शानदार अंदाज में मनाया स्वंतत्रता दिवस


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नई दिल्ली। शो अनुपमा में जबरदस्त ड्रामा देखने को मिल रहा है। किंचल के बॉस को सबक सिखाने के बाद अनुपमा का पूरा परिवार स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में जुट गया है। यही नहीं 15 अगस्त के दिन ही मामा जी का जन्मदिन भी होता है। ऐसे में शाह परिवार के लिए सेलिब्रेशन और भी स्पेशल हो गया है। अनुपमा लड्डू बनाकर तो काव्या वनराज की मदद से स्वतंत्रता दिवस की तैयारी करती है। अनुपमा के परिवार ने एक पल में ही देश की अलग-अलग संस्कृति और परंपराओं की झलक दिखा डाली।

अनुपमा जुटी स्वतंत्रता दिवस की तैयरियों में

अनुपमा 15 अगस्त की तैयारी करते हुए लड्डू बनाने लगती है। तभी समर लड्डू खाने आ जाता है। अनुपमा बताती है कि कैसे जब वो स्कूल में थी। तब वो लड्डू के लिए एक्साइडेट रहती थी। अनुपमा बताती है कि स्कूल में 15 अगस्त और 26 जनवरी को बच्चों को दो लड्डू मिलते थे। जो डांस करते हैं उन्हें 4 लड्डू मिलते थे। समर कहता है तभी उन्होंने डांस सीखा है। अनुपमा कहती है कि कैसे आज कल के पेरेंट्स बच्चों को ऐसे कार्यक्रमों में ले जानें में शर्माते हैं। तोषो समर और अनुपमा को साथ में खुश देखकर अपनी गलती को महसूस करता है।

उसे याद आता है कि कैसे उसने मां को मसालेदानी कहा था। तभी अनुपमा की नज़र तोषो पर पड़ती है। तोषो वहां से चला जाता है। समर कहता है कि समर ने भाभी के पास रुककर काफी अच्छा किया। अनुपमा कहती है कि कल भी रुक जाए तो अच्छा होगा।

वनराज ने की काव्या की मदद

वहीं दूसरी ओर काव्या भी स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों में लगी होती है। काव्या वनराज को नींद से उठाती है और कहती है कि वो उसकी मदद करे कि कैसे वो लोग स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। बातों ही बातों में काव्या कहती है कि उसे कोई जॉब नहीं दे रहा है। वनराज कहता है कि वो समझता है कि कैसे लगता है। जिंदगी में एक पल ऐसा आता है जब बिना नौकरी के रहना पड़ता है।

काव्या कहती है कि आज महसूस होता है कि नौकरी पर जानें के लिए सुबह उठना कितना अच्छा लगता था। हफ्ते में एक संडे को छुट्टी होती थी। वनराज काव्या को घर का काम करने की बात कहता है। काव्या वनराज से कहती है कि वो भी जॉबलेस था। वो भी घर का काम कर सकता था, पर उसने नहीं किया।

काव्या ने समझाया वनराज को

काव्या समझाती है कि जरूरी नहीं है कि हर लड़की हाउसवाइफ बने। काव्या कहती है कि उसने अनुपमा को घर का काम करते हुए देखा है। वो कितना मुश्किल है। वो जानती है। कुछ लड़कियां घर के लिए होता हैं और कुछ घर के बाहर के कामों के लिए होती है। वनराज काव्या की बातों को समझाता है और उसे हिम्मत देता है कि जल्द ही उसे एक अच्छी नौकरी मिल जाएगी।

अनुपमा के परिवार ने मनाया धूमधाम से स्वतंत्रता

15 अगस्त की सुबह अनुपमा महाराष्ट्रन साड़ी के लुक में फूलों की थाली लिए करने घर से बाहर आती है। जिसके पीछे वनराज साउथ लुक और काव्या मुस्लिम गर्ल के लुक में दिखाई देती है। बॉ राजस्थानी लुक, मामा जी मारवाड़ी लुक, पाखी पंजाबी गर्ल के लुक में, किंचल बंगाली लुक में, तोषो मुस्लिम, समर पंजाबी, और नंदनी कश्मीरी गर्ल के लुक में नज़र आती है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अनुपमा के परिवार वालों पर देशभक्ति के रंग में डूबे जाते हैं।

अनुपमा ने बताई 100 रुपए की वैल्यू

अनुपमा के पैसे खो जाते हैं। वो कहती है कि उसके पैसे खो गए हैं। अनुपमा बताती है कि उसने गार्ड को देने के लिए 100 रुपए हाथ में रखे थे। जो खो गए। पाखी बताती है कि तो क्या हुआ 100 रुपए ही तो हैं। अनुपमा कहती है कि जो कमाता है। उससे पूछ कि 100 रुपए की कीमत क्या है। घंटों पसीना बहाना के बाद उसे वो 100 रुपए कमाने का मौका मिलता है। तभी समर को वो खोया हुआ 100 रुपए का नोट मिल जाता है। अनुपमा बड़े ही ध्यान से चैक करती है और कहती है कि हां ये उसी का नोट है। वनराज बताता है कि अनुपमा अपने पैसों के सीरियल नंबर्स से पहचान लेती है कि वो उसके पैसे हैं या नहीं।

अनुपमा समझायी देशभक्ति

स्लिवर लॉन्ग ड्रेस पहने राखी दवे भी अनुपमा के परिवार के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए आ जाती है। ये देख पूरा परिवार हैरान हो जाता है। राखी दवे कहती है कि वो स्वतंत्रता दिवस के त्योहार को ही मन से बनाती हैं। तभी तोषो पाखी को कहता है कि उसने अपनी DP पर तिरंगे की फोटो लगाई। अनुपमा कहती है कि एक दिन के लिए तिरंगा लगाने की क्या जरूरत है। समर कहता है कि लेकिन वो सैनिकों की तरह रोज अपनी देशभक्ति को नहीं दिखा सकते हैं। अनुपमा कहती है कि बॉर्डर पर जाकर लड़ने का सौभाग्य किसी को नहीं मिलता है।

पूरा परिवार तोषो को समझाता है कि कमियां हर कहीं होती है। बस बदलने की शुरूआत होनी चाहिए। बॉ समझाती है कि मां में भी थोड़ी बहुत कमियां होती है, फिर भी बच्चे अपनी मां को प्यार करना नहीं छोड़ते हैं। वनराज कहता है कि हर कहीं दो तरह के लोग होते हैं। काम करने वाले और शिकायत करने वाले। जिस दिन शिकायत करने वाले काम करने लग जाएंगे। उस दिन देश की तकदीर बदल जाती है। अनुपमा कहती है कि देश में शिकायत वाले लोग नहीं काम करने वाले लोग चाहिए।

'हम हैं हिंदुस्तानी' में पर झूमा अनुपमा का परिवार

अनुपमा का पूरा परिवार स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। ध्वजारोहण करते हुए सभी तिरंगे को सलाम करते हैं। घर आते ही सभी 'हम है हिंदुस्तानी' पर खूबसूरत डांस करते हैं। गाने में देश के अलग-अलग राज्यों की परंपराओं की झलक देखने को मिलती है। इस दौरान तोषो मां अनुपमा से अपने दिल की बात कहता है। जिसे सुनकर अनुपमा काफी इमोशनल हो जाती है। अनुपमा का पूरा परिवार बड़ी ही खूबसूरती से स्वतंत्रता दिवस को मनाता है।

मामा जी ने काटा बर्थडे केक

तभी मामा जी देखते हैं कि उनके सामने केक रखा है। मामा जी पूछते हैं कि ये केक? सब कहते हैं कि उनका जन्मदिन है। ये सुनकर मामा जी बहुत खुश हो जाते हैं। बाबू जी फोन पर मामा जी को जन्मदिन की बधाई देता है। सभी मामा को उन्हें खुश रखने के लिए थैंक्यू कहते हैं। अनुपम समर से पूछती है कि लोन के पैसे बैंक में आए। समर कहता है कि आज स्वतंत्रता दिवस है। आज बैंक की भी छुट्टी होगी। अनुपमा कहती है कि बैंक वालों ने बताया था कि आज लोन मिल जाएगा। समर शाम तक इंतजार करने को कहता है।

( Precap- तोषो अनुपमा और वनराज से अपनी गलती के लिए माफी मांगता है। ये देख राखी दवे काफी चौंक जाती है। राखी दवे काव्या को एक नौकरी ऑफर करती है। जिसमें काम का लोड कम और सैलरी ज्यादा होगी। राखी दवे काव्या से वनराज को मनाने की बात कहती है। )



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