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'बेसिक इंस्टिंक्ट' पर अब 'कोई जाने न', पहले बन चुकी है 'चालबाज', 'इंतकाम: द परफेक्ट गेम'


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-दिनेश ठाकुर
हॉलीवुड में अलिखित नियम है कि जो फिल्म कारोबारी धमाका करेगी, उसका सीक्वल जरूर बनेगा। बॉलीवुड में भी अलिखित नियम है कि हॉलीवुड की कामयाब फिल्मों की 'हिन्दी' जरूर होगी। हॉलीवुड की कुछ फिल्मों पर बॉलीवुड वाले बार-बार हाथ मारते हैं। ऐसी ही एक फिल्म है 'बेसिक इंस्टिंक्ट'। अलग तरह की इस सस्पेंस थ्रिलर ने 1992 में काफी तहलका मचाया था। इसलिए नहीं कि इसमें वहां के सुपर सितारे माइकल डगलस थे। तहलके के पीछे थी शेरॉन स्टोन की हद से ज्यादा बोल्ड और सनसनीखेज अदाकारी। शेरॉन तब 34 साल की थीं। इससे पहले 'कोल्ड स्टील', 'एक्शन जैक्सन' और 'एबॅव द लॉज' सरीखी कुछ फिल्मों में नजर आ चुकी थीं। 'बेसिक इंस्टिंक्ट' के बाद सारी दुनिया उनके जलवों की चर्चा कर रही थी। फिल्म में वह बिंदास लेखिका के किरदार में थीं, जिसके जासूसी उपन्यास गरमागरम समोसे की तरह बिकते हैं। लोग जानने को बेताब रहते हैं कि उसके अगले उपन्यास में कातिल कौन होगा। फिर कुछ ऐसा होता है कि हकीकत और अफसाने आपस में टकराने लगते हैं।

शेरॉन स्टोन जैसे किरदार में कुणाल कपूर
'बेसिक इंस्टिंक्ट' की कहानी सेन फ्रांसिसको में घूमती है। एक रॉक स्टार की हत्या की जांच कर रहे जासूस माइकल डगलस को शेरॉन पर शक है, क्योंकि हत्या से पहले का घटनाक्रम इस लेखिका के एक उपन्यास के घटनाक्रम से काफी मिलता-जुलता है। क्या अपने उपन्यासों की बिक्री बढ़ाने के लिए शेरॉन ने सारा जाल बुना है या कोई और इस खेल के पीछे है? इस फिल्म के 29 साल बाद बॉलीवुड की 'कोई जाने न' में यह खेल फिर दिखाने की तैयारी है। फर्क सिर्फ इतना है कि यहां हीरोइन नहीं, हीरो कुणाल कपूर शक के घेरे में हैं। शेरॉन स्टोन की तरह वह भी 'बेस्ट सेलर' जासूसी उपन्यासों के लेखक हैं। यहां भी हत्याओं का सिलसिला है और इनका घटनाक्रम इस लेखक के एक उपन्यास के घटनाक्रम जैसा है। 'बेसिक इंस्टिंक्ट' के माइकल डगलस की तरह यहां कुणाल की प्रेमिका अमायरा दस्तूर पर खतरा मंडरा रहा है।

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आमिर खान का आइटम नंबर
'कोई जाने न' के निर्देशक अमीन हाजी कुछ फिल्मों (लगान, स्वदेश, मंगल पांडे, जोधा-अकबर) में अभिनय कर चुके हैं। आमिर खान के दोस्त हैं। आमिर समय-समय पर दोस्तों को 'ऑब्लाइज' करते रहते हैं। कई साल पहले राजकुमार संतोषी को किया था। उनकी 'दामिनी' में मीनाक्षी शेषाद्रि के साथ एक गीत (बिन कारण झूला झूलूं) पर नाचकर। अब उन्होंने 'कोई जाने न' में स्वीडिश अभिनेत्री एली एवराम के साथ कैबरे गीत 'है कोई परवाना यहां' में हाजिरी दी है। यह आइटम नंबर फिल्म का आकर्षण बढ़ाने के लिए जोड़ा गया है। आमिर इस तरह के आकर्षण का हिस्सा बनने से बचते रहे हैं। एली एलराम के लिए ले-देकर ऐसे आकर्षण ही सहारा हैं। कुछ साल पहले उन्होंने 'पोस्टर ब्वॉयज' में सनी देओल को 'कुडिय़ां शहर दियां' पर नचाया था। सनी के लिए नाच का मतलब क्या है, सभी जानते हैं।

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'इंतकाम: द परफेक्ट गेम' और 'हेट स्टोरी'
'बेसिक इंस्टिंक्ट' पर बॉलीवुड में 'कोई जाने न' तीसरी फिल्म होगी। पहले 'चालबाज' वाले पंकज पाराशर ने 'इंतकाम: द परफेक्ट गेम' में ईशा कॉप्पीकर को शेरॉन स्टोन के किरदार में उतारा था। बाद में विवेक अग्निहोत्री ने पाओली डेम को लेकर 'हेट स्टोरी' बनाई। दोनों फिल्में मूल फिल्म की पैरोडी से आगे नहीं जा सकीं।


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