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Facebook ने अपना नाम बदल किया Meta, मार्क जुकरबर्ग का ऐलान

Facebook ने अपना नाम बदल किया Meta, मार्क जुकरबर्ग का ऐलान. फेसबुक ने बदला अपना नाम.नए नाम के क्या हैं मायने? क्यों बदलना पड़ गया नाम?

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Facebook ने अपना नाम बदल किया Meta, मार्क जुकरबर्ग का ऐलान

Facebook ने अपना नाम बदल किया Meta, मार्क जुकरबर्ग का ऐलान

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपना नाम बदल लिया है. अब से दुनिया फेसबुक को 'मेटा' के नाम से जानेगी. गुरुवार को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक मीटिंग के दौरान ये ऐलान किया. लंबे समय से फेसबुक के नाम को बदलने की चर्चा चल रही थी. अब उसी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और फेसबुक का नया नाम 'मेटा' कर दिया गया है.

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपना नाम बदल लिया है. अब से दुनिया फेसबुक को 'मेटा' के नाम से जानेगी. गुरुवार को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक मीटिंग के दौरान ये ऐलान किया. लंबे समय से फेसबुक के नाम को बदलने की चर्चा चल रही थी. अब उसी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और फेसबुक का नया नाम 'मेटा' कर दिया गया है.

फेसबुक ने बदला अपना नाम

RIP facebook
मार्क जुकरबर्ग लंबे समय से अपने सोशल मीडिया कंपनी की दोबारा ब्रान्डिंग करना चाहते हैं. वे इसे एकदम अलग पहचान देना चाहते हैं, एक ऐसी जहां फेसबुक को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर ना देखा जाए. अब उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए फेसबुक का नाम बदल मेटा किया गया है. कंपनी का फोकस अब एक मेटावर्स बनाने पर है जिसके जरिए एक ऐसी वर्चुअल दुनिया का आगाज हो जाएगा जहां पर ट्रांसफर और कम्यूनिकेशन के लिए अलग-अलग टूल का इस्तेमाल किया जा सकेगा.

नए नाम के क्या हैं मायने?


जानकारी के लिए बता दें कि फेसबुक के फॉर्मर सिविक इंटीग्रिटी चीफ समिध चक्रवर्ती की तरफ से इस नए नाम का सुझाव दिया गया था. अब क्योंकि मार्क जुकरबर्ग पहले से ही वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी में भारी निवेश कर रहे थे, ऐसे में उनके लिए अपनी कंपनी का नाम बदल मेटा करना कोई बड़ी बात नहीं थी. अब इस नए नाम के जरिए वे पूरी दुनिया के सामने खुद को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक सीमित नहीं रखने वाले हैं.

अब कंपनी ने अपना नाम तो बदला ही है, इसके अलावा कई लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोल दिए हैं. फेसबुक अपने आप को दोबारा रीब्रान्ड तो कर ही रहा है, इसके अलावा अब 10 हजार के करीब नए लोगों को नौकरी पर रखने की भी तैयारी कर रहा है. ये सभी लोग मेटावर्स वाली दुनिया को बनाने में मदद करने वाले हैं.

क्यों बदलना पड़ गया नाम?

क्यों बदलना पड़ गया नाम?

वैसे कंपनी की तरफ से नाम बदलने का ये बड़ा कदम उस समय उठाया गया है, जब फेसबुक पर कई गंभीर आरोप लग रहे हैं. कहा जा रहा है कि कंपनी अपने यूजर के डेटा तक को सुरक्षित नहीं रख पा रही है. हाल ही में जब एक फेसबुक के पूर्व कर्मचारी Frances Haugen ने कंपनी के कुछ सीक्रेट डॉक्यूमेंट लीक कर दिए थे, उसमें ये सामने आया था कि फेसबुक ने यूजर सेफ्टी के ऊपर अपने खुद के मुनाफे को रखा था. मार्क ने जरूर इसे झूठ बता दिया था, लेकिन कंपनी की काफी किरकिरी हुई थी.

ऐसे में अब जब कंपनी ने अपना नाम बदला है, तब मार्क जुकरबर्ग ने लोगों की निजता का खासा ध्यान रखा है. अपने संबोधन में उन्होंने कहा है कि आने वाले समय में ऐसे सेफ्टी कंट्रोल की जरूरत पड़ेगी जिससे मेटावर्स की दुनिया में किसी भी इंसान को दूसरे की स्पेस में जाने की इजाजत ना रहे.

फेसबुक ने पिछले महीने अपने मेटावर्स तैयार करने को लेकर अपनी योजना के बारे में जानकारी दी थी. बता दें कि मेटावर्स शब्द का प्रयोग डिजिटल दुनिया में वर्चुअल, इंटरेक्टिव स्पेस को जानने और समझने के लिए किया जाता है. बता दें कि मेटावर्स एक वर्चुअल वर्ल्ड है जहां एक इंसान शारीरिक तौर पर मौजूद नहीं होते हुए भी मौजूद रह सकता है.

Facebook ने अपना नाम बदल किया Meta, मार्क जुकरबर्ग का ऐलान

इससे पहले फेसबुक की ओर से घोषणा की गई थी कि सोशल नेटवर्क को मेटावर्स बनाने के लिए हजारों कर्मचारियों की जरूरत होगी. इसके लिए फेसबुक की ओर से एलान किया गया था कि 10,000 लोगों को नौकरी पर रखा जाएगा. नए मेटावर्स में फेसबुक वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियल्टी का इस्तेमाल करेगा और वर्चुअल एक्सपीरिएंस का एक नया चैप्टर शुरू करेगा.

फेसबुक की ओर से यह नाम ऐसे वक्त में बदला गया है जब कंपनी के ऊपर कई देशों में ऑनलाइन सुरक्षा, भड़काऊ कंटेंट को नहीं रोकने को लेकर सवाल उठने लगे हैं. भारत सरकार की ओर से भी फेसबुक को खत भेजकर सोशल मीडिया कंपनी की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले एल्गोरिदम और प्रक्रियाओं का विवरण मांगा गया है.

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