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हिन्दू धर्म में पूजा के बाद क्यों दिया जाता है प्रसाद, जानिए प्रसाद लेने का सही तरीका

हिन्दू धर्म में पूजा के बाद क्यों दिया जाता है प्रसाद

हिंदू धर्म में होने वाले तमाम पूजा-पाठ में आपने चरणामृत का इस्तेमाल होते देखा होगा। ऐसा भी संभव है कि आपने चरणामृत का कई बार सेवन भी किया होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चरणामृत होता क्या है और पूजा-पाठ में इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है।हिंदू धर्म में चरणामृत के इस्तेमाल के बिना कोई पूजा-पाठ पूरा ही नहीं होता है।

क्यों दिया जाता है प्रसाद:

ऐसी मान्यता है कि चरणामृत के सेवन से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है। उस व्यक्ति के जीवन से नकारात्मक भाव दूर हो जाते हैं और वह समृद्धि को प्राप्त करता है। सकारात्मकता आने से व्यक्ति नए उत्साह से भर जाता है और अपने भविष्य में नए लक्ष्यों की प्राप्ति में लग जाता है। इसके अलावा चरणामृत का पान करने वाले व्यक्ति पर सीधे भगवान की कृपा बरसती है। उस व्यक्ति के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं और वह सुखों को प्राप्त करता है।

प्रसाद लेने का सही तरीका:

चरणामृत सदैव दाएं हाथ से ही ग्रहण करना चाहिए। इससे जीवन में शीतलता आती है। चरणामृत तांबे या फिर मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है। इसके लिए शीतल जल, तिल, दही, गुण, तुलसी का पत्ता और अन्य औषधीय तत्व मिलाए जाते हैं। तांबे में रखने से उसके पोषक तस्व चरणामृत में घुल जाते हैं। इस प्रकार से चरणामृत का सेवन स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत अच्छा है।

कहीं आपकी पत्नी तो नहीं करती है सिंदूर लगाते समय ऐसी गलतियां, जानिए

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आपने हिंदू धर्म की सभी शादीशुदा महिलाओं को सिंदूर लगाते हुए अवश्य देखा होगा। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार सिंदूर को सुहागिन महिलाओं के सुहाग का प्रतीक माना जाता है। विवाह के समय भी सिंदूरदान की विधि का भी एक खास महत्व होता है, इसके बाद ही विवाह की विधि को पूर्ण माना जाता है। और एक बार विवाह हो जाने के पश्चात सभी सुहागिन महिलाओं का सिंदूर लगाना अनिवार्य होता है।

सिंदूर लगाते समय ना करे ऐसी गलतियां:

सुहागिन महिलाओं को इन नियमों का विधिपूर्वक पालन करना चाहिए, अन्यथा उनके जीवन में परेशा’नियां उत्पन्न होने लगती हैं। जो महिलाएं सिंदूर लगाने के नियमों का पालन नहीं करती है, ऐसी महिलाओं के पति को धन तथा स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

शादीशुदा महिलाओं को सदैव सिंदूर अपने पैसे से खरीद कर लगाना चाहिए। किसी अन्य के पैसे से खरीदा गया सिंदूर लगाने से बचना चाहिए।

शादीशुदा महिलाओं को किसी दूसरी महिला के सिंदूर को अपने मांग में भरने से बचना चाहिए। किसी दूसरी महिला के सिंदूर को मांग में भरना बहुत ही अशुभ होता है।

आखिर लड़कियों की बायीं तरफ ही क्यों छिदवाई जाती हैं नाक, जान लें इसका बड़ा कारण

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भारतीय संस्कृति और परंपरा के हिसाब से नाक छिदवाना बहुत जरूरी माना जाता है। लेकिन बहुत कम लड़कियां जानती है कि यह स्त्री की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ सेहत के ल‍िए भी लाभकारी है। भारतीय महिलाओं के नाक छिदवाने के पीछे का कारण बेहद कम लोग जानते होंगे।

क्यों छिदवाई जाती हैं नाक:

नाक में छेद करवाने के लिए कोई विशेष उम्र नहीं होती है। इसे बचपन, किशोरावस्था, वयस्क होने पर कभी भी करवा सकते हैं। गर्भावस्था में भी महिलाएं नाक छिदवा सकती है। इससे शिशु पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।

वेदों और शास्त्रों में लिखा गया है कि नाक छिदवाने से महिला को माहवारी पीड़ा से राहत मिलती है। इसके अलावा प्रसव के दौरान शिशु को जन्म देने में आसानी होती है। इससे माइग्रेन में भी राहत मिलती है।

बाई ओर क्‍यों छिदवाई जाती है नाक:

लड़कियों की बाई ओर की नाक छेदी जाती है क्योंकि उस जगह की नसें नारी के महिला प्रजनन अंगों से जुडी हुई होती हैं। नाक के इस हिस्से पर छेद करने से महिला को प्रसव के समय भी कम दर्द का सामना करना पड़ता है। इस वजह से बाई ओर नाक छिदवाई जाती है।

राधा जी ने श्री कृष्ण को क्यों पिलाया था अपने पैरों का चरणामृत, क्या था ये राज

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प्यार और प्रेम के प्रतीक भगवान कृष्ण और राधा को कौन नहीं जानता है। कई कहानियां आपने सुनी होंगी जो अनोखी होंगी। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं भगवान श्रीकृष्ण को क्यों पीना पड़ा था राधा के पैरों का चरणामृत। इसके पीछे एक कहानी है जो बड़ी रोचक है।

कृष्ण को क्यों पिलाया था चरणामृत:

एक बार श्रीकृष्ण बहुत बीमार पड़ गए। जब कोई दवा या जड़ी बूटी काम ना आई तो स्वयं श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा। उनका मानना था कि उनके परम भक्त के पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को अगर वह ग्रहण कर लें तो वे निश्चित रूप से ठीक हो जाएंगे। मगर गोपियां चिंता में पड़ गईं कि किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उन्हें नर्क जाना पड़ेगा।

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उसी दौरान वहां कृष्ण प्रिय श्रीराधा रानी आ गईं और बिना सोचें स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर भगवान कृष्ण को पिलाया। अन्य गोपियों की तरह ही राधा को भी नरक भोगने का भय सता रहा था। मगर वह अपने प्राण से प्रिय पिया के लिए नर्क भोगने को भी तैयार थी। आखिरकार कृष्ण चरणामृत ग्रहण करने के बाद ठीक हो गए।

सपने में महिलाओं को ये निजी काम करते हुए देखना माना गया है अशुभ

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हमारे समाज में महिलाओं को सम्मान की नजर से देखा जाता है। क्योंकि सभी धर्मों में अच्छे और बुरे कामों का लेखा रखा जाता है। इंसान के अच्छे बुरे कर्मों के अनुसार ही उन्हें मोक्ष मिलता है। आज हम आपको ऐसे पाप के बार में बताने जा रहे है, जो कभी किसी मनुष्य को नहीं करना चाहिए।

महिलाओं को ये काम करते ना देखें:

हिन्दू धर्म के अनुसार किसी भी स्त्री को नहाते हुए देखना बहुत ही अशुभ बताया है। ऐसा करने वाला व्यक्ति महापाप का भागीदार हो जाता है।

सपने में यदि आप किसी अपने को दरिया में नहाते देखते हैं तो यह अच्छा माना जाता है इस स्वप्न को देखने का मतलब होता है कि आपके जो भी रोग हैं वो जल्द ही नष्ट हो जाएंगे।

यदि आप सपने में खुद को किसी तालाब में नहाते देखते हैं तो यह कुछ अशुभ संकेत की ओर इशारा करता है। इसलिए सतर्क रहना चाहिए।


यदि आप एक पुरुष है और किसी महिला को सपने में नहाते हुए देखते हैं तो इसका मतलब है कि आपके जीवन में जल्द ही कोई खूबसूरत लड़की आने वाली है।

क्या सच में मंगलवार को नहीं खाना चाहिए नॉनवेज, इस दिन लगता है पाप

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हिंदू धर्म में सप्ताह के हर दिन का अपना महत्त्व बताया गया है और सातों दिन को किसी ना किसी भगवान को समर्पितहै। वेद-पुराणों के अनुसार इन सात दिन में कुछ दिन ऐसे भी है जिनमे कुछ काम को न करने की सलाह दी गई। इसी तरह से मंगलवार का दिन भी है जिसमे नॉनवेज ना खाने को कहा जाता है। इस दिन भगवान राम के परम भक्त हनुमान की पूजा और उपसना की जाती है।

मंगलवार को नहीं खाना चाहिए नॉनवेज

हिंदू धर्म में लोगों को मंगलवार को नॉनवेज के सेवन से बचना चाहिए। सिर्फ मंगलवार ही नहीं बल्कि गुरुवार और शनिवार को भी पवित्र माना जाता है और इन दिनों में भी मांस का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है।

वेद-पुराणों के अनुसार मंगलवार को बेहद पवित्र माना गया है और ये सभी दिन देवी-देवता को समर्पित है इसलिए मंगलवार को नॉनवेज का सेवन नहीं करना चाहिए।

मंगलवार को अधिकतर लोग हनुमान जी का पूजन और उपसना करते है इसलिए वे लोग मांस का सेवन नहीं करते है।

इस दिन को देवी-देवता से जोड़कर पवित्र दिन के रूप में जोड़ दिया गया है। इसलिए लोग मंगलवार को नॉनवेज का सेवन नहीं करते है।

हमेशा बाथरूम में ही क्यों आता है ज्यादातर हार्ट अटैक, वजह जानकर होंगे हैरान

bathroom heart attack

Why do most heart attacks always come in the bathroom? आजकल हार्ट अटैक की समस्या कई लोगों मे देखि जाती है। वैसे तो हार्ट अटैक कभी भी और कहीं भी आ सकता है, लेकिन बाथरूम में ऐसा होने की ज्यादा घटनाएं सामने आती हैं। आखिर क्या वजह है कि बाथरूम में ही लोगों को हार्ट अटैक ज्यादा आता है। आज हम जानते हैं कि बाथरूम से हार्ट अटैक आने का क्या संबंध है।

बाथरूम में ही क्यों आता है ज्यादातर हार्ट अटैक

हार्ट अटैक का संबंध हमारे ब्लड सर्कुलेशन से होता है। ब्लड सर्कुलेशन का सीधा असर हमारे दिल पर होता है। ब्लड सर्कुलेशन हार्ट से ही नियंत्रित होता है। जब हम बाथरूम की टॉयलेट सीट पर बैठ कर जब ज्यादा प्रेशर डालते हैं तो उसका असर सीधा हमारे ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है। इस प्रेशर से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है, जो हार्ट अटैक की वजह बन जाता है।

कई बार नहाने के दौरान हार्ट अटैक आ जाता है। नहाने को लेकर डॉक्टर सलाह देते हैं कि बाथरूम जाते ही पहले अपने तलबों पर पानी डालें, इसके बाद धीरे-धीरे शॉवर लें। अगर आपने ऐसा नहीं किया और सीधा सिर पर ठंडा पानी डाला तो इसका गलत असर ब्लड सर्कुलेशन पर पड़ता है। सीधे सिर पर पानी डालने से कई बार व्यक्ति की दिल की धड़कन एकदम से बंद हो जाती है।