Mgid

Blog Archive

Search This Blog

Total Pageviews

QR कोड से करते हैं ऑनलाइन पेमेंट तो हो जाए सावधान, हैकर्स यूं लगा रहे है चूना


<-- ADVERTISEMENT -->




अगर आप भी ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त क्विक रिस्पोंस कोड का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए। अब साइबर क्रिमिनल्स QR कोड के जरिए ही लोगों के अकाउंट खाली कर रहे हैं। ये कोड ठगों के लिए किसी हथियार से कम नहीं है। ठगी के इस तरीके को साइबर भाषा में QR कोड फिशिंग कहते हैं।
 

QR कोड ब्लैक लाइन से बना एक पैटर्न कोड होता है जिसमें यूजर का अकाउंट रिलेटेड डाटा सेवा होता है। जब स्मार्टफोन से किसी कोड को स्कैन किया जाता है तो उसमें सेव डाटा डिजिटल भाषा में बदल जाता है, जिसे आसानी से समझा जा सके। QR कोड में अंतर बता पाना मुश्किल होता है। साइबर ठग इसी का फायदा उठाकर QR कोड बदल देते हैं। जिससे पैसा सीधा ठगों के अकाउंट में चला जाता है। इसी प्रक्रिया को QR फिशिंग कहते हैं।
घोटाले की शुरुआत किसी प्रोडक्ट को ऑनलाइन बिक्री के लिए एक वेबसाइट पर पोस्ट करने के बाद से होती है।

 जब फ्रॉड खरीदारों के तौर एक क्यूआर कोड को जेनरेट करते है और उसे अग्रिम या टोकन मनी का भुगतान करने के लिए शेयर करते हैं। वे फिर एक ज्यादा राशि के साथ एक क्यूआर कोड बनाते हैं और इसे वॉट्सऐप या ईमेल के जरिए खरीदने वाले व्यक्ति के साथ शेयर करते हैं। इसके बाद फ्रॉडस्टर यूजर से उसे स्केन करके पैसा ट्रांस्फर करने के लिए कहते हैं। फोटो गैलरी से क्यूआर कोड को स्कैन करने के बाद, पीड़ित को भुगतान के साथ आगे बढ़ने के लिए बोला जाता है। इस दौरान यूजर जैसे ही UPI पिन डालता है, उसके बैंक खाते से पैसे कट जाते हैं।


QR कोड को फोन के कैमरे से सीधे स्कैन के बजाय ऐसे ऐप से करें जो QR कोड की डिटेल्स जैसे रिसीवर का नाम आदि बताता हो। मैसज या ई-मेल में मिले कोई अनजान या नए QR कोड को स्कैन करने से बचें। बैंक में हुए किसी गलत ट्रांजैक्शन पर तुरंत एक्शन लें। फ्रॉड का शिकार होने पर इसकी शिकायत आप साइबर सेल में कर सकते है। यह याद रखना चाहिए कि केवल दुकानों पर पेमेंट करने क्यूआर कोड को स्कैन करने की आवश्यकता पड़ती है। किसी भी व्यक्ति से पैसे लेने या फिर भेजने के लिए क्यूआर कोड की जरूरत नहीं पड़ती है।

🔽 CLICK HERE TO DOWNLOAD 👇 🔽

Download Movie





<-- ADVERTISEMENT -->

AutoDesk

news

Post A Comment:

0 comments: